मुंबई, 15 जुलाई (भाषा) कम प्राप्तियों के कारण खाद्य तेल रिफाइनरियों का राजस्व चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर दो-तीन प्रतिशत घटकर 2.6 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि खाद्य तेल कंपनियों की बिक्री में सालाना आधार पर 2.8-3 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है।
इसके परिणामस्वरूप, परिचालन मार्जिन 0.30 से 0.50 प्रतिशत घटकर 3.3-3.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
भारत अपनी खाद्य तेल आवश्यकताओं का 60 प्रतिशत से अधिक आयात करता है, जिसमें कच्चे पाम तेल का हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक और सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल और अन्य तेलों का शेष हिस्सा है।
क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक जयश्री नंदकुमार ने कहा, ‘‘इस वित्त वर्ष में आयात की मात्रा 2.8-3 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2.55-2.6 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष तक पांच साल के 2.7 प्रतिशत के औसत से कुछ अधिक है।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.