नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवारक आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण 2021 में मौजूदा वित्तीय वर्ष में तेज गिरावट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार और 11 फीसदी की दर से रिकॉर्ड वृद्धि का अनुमान पेश किया गया है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अनुमान लगाया था कि अर्थव्यवस्था 2020-21 में 7.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी जबकि जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने 7.5 प्रतिशत संकुचन का अनुमान लगाया था.
यह मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की तरफ से तैयार किया गया तीसरा आर्थिक सर्वेक्षण है. यह ऐसे समय में जारी किया जा रहा है जब इसकी उम्मीद बढ़ी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सकारात्मक ढंग से बढ़ रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2021-22 का सर्वेक्षण शुक्रवार शाम को संसद में पेश करेंगी.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि सर्वेक्षण में व्यापक टीकाकरण अभियान का उल्लेख है और साथ ही बताया गया है कि यह कैसे आर्थिक सुधार में मददगार है.
सूत्रों के अनुसार, सर्वेक्षण में उम्मीद जताई गई है कि सेवा क्षेत्र में मजबूत रिकवरी के साथ-साथ उपभोग और निवेश में अपेक्षित सुधार से वृद्धि अनुमान में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में माल ढुलाई, ई-वे बिल और बिजली की मांग जैसे विभिन्न हाई फ्रिक्वेंसी इंडीकेटर आर्थिक सुधार का संकेत देते हैं.
सर्वेक्षण में कोविड-19 को लेकर भारत सहित विभिन्न देशों की जीवन बनाम आजीविका बचाने की अंतर्निहित दुविधा भी नजर आएगी. इसमें यह भी स्पष्ट होगा कि कैसे भारत ने दीर्घकालिक लाभ के लिए अल्पकालिक परेशानियां उठाने का साहसिक कदम उठाया और इसने कैसे भारत में लोगों का जीवन बचाने में मदद की और साथ ही देश कैसे सकारात्मक वृद्धि की ओर बढ़ता दिख रहा है.
2020-21 में आई तेज गिरावट के मद्देनजर 2021-22 में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया जा सकता है.
अर्थव्यवस्था में सुधार
महामारी का मुकाबला करने के उद्देश्य से दो महीने चले लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हो जाने की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की गिरावट के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की दर से मामूली वृद्धि हुई.
त्यौहारी मांग बढ़ने को देखते हुए अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सकारात्मक वृद्धि नजर आएगी.
देशभर में चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने से भी लोगों की सोच में बदलाव में मदद मिली है, जिससे सरकार को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में खपत की मांग बढ़ेगी.
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