नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) दूरसंचार कंपनियों के राजस्व में वॉयस कॉल का हिस्सा पिछले 10 साल में 80 प्रतिशत तक घट गया है। वहीं एसएमएस सेवाओं से राजस्व में 94 प्रतिशत की कमी आई है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से जारी एक परिपत्र के अनुसार, यह गिरावट पिछले 10 साल में इंटरनेट आधारित कॉलिंग और संदेश सेवा का इस्तेमाल बढ़ने से आई है।
ट्राई के अनुसार, इंटरनेट के इस्तेमाल से प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) जून, 2013 तिमाही से दिसंबर, 2022 तिमाही तक 10 गुना बढ़ गया है।
व्हॉट्सएप, गूगल मीट, फेसटाइम आदि संदेश और कॉलिंग ऐप का नियमन करने के लिए ट्राई ने हाल ही में जारी अपने परिपत्र में कहा कि संदेश, वॉयस कॉलिंग के लिए ‘ओवर द टॉप’ (ओटीटी) ऐप के बढ़ते उपयोग से दुनियाभर में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों की कमाई का प्रमुख जरिया अब संदेश और कॉल के बजाय इंटरनेट हो गया है।
एआरपीयू के सभी प्रमुख घटकों में जून, 2013 से दिसंबर, 2022 तिमाही तक गिरावट हुई है। एआरपीयू दूरसंचार कंपनियों की वृद्धि को मापने का प्रमुख तरीका है।
ट्राई के दस्तावेज के अनुसार, दूरसंचार कंपनियों के कुल राजस्व में इंटरनेट से कमाई की हिस्सेदारी 2013 के 8.1 से लगभग 10 गुना बढ़कर दिसंबर, 2022 में 85.1 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, इस दौरान दूरसंचार कंपनियों का एआरपीयू 123.77 रुपये से बढ़कर सिर्फ 146.96 रुपये हुआ है।
आंकड़ों के अनुसार, जून, 2013 तिमाही और दिसंबर, 2022 तिमाही के बीच कॉल की राजस्व में हिस्सेदारी घटकर 14.79 रुपये या कुल एआरपीयू का 10.1 प्रतिशत रह गई है। जून, 2013 में यह कुल राजस्व में 72.53 रुपये या 58.6 प्रतिशत थी।
इसी तरह, संदेश सेवा या एसएमएस की राजस्व में हिस्सेदारी एआरपीयू के 3.99 रुपये से घटकर 23 पैसे रह गई है।
भाषा अनुराग अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.