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Monday, 15 December, 2025
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समय से पहले मानसून आने से मई में बिजली खपत चार प्रतिशत घटकर 148.71 अरब यूनिट रही

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नयी दिल्ली, एक जून (भाषा) मई में भारत की बिजली खपत एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में चार प्रतिशत घटकर 148.71 अरब यूनिट रह गई। इसका मुख्य कारण बेमौसम बारिश और मानसून का समय से पहले आना है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल मई में बिजली की खपत 155.15 अरब यूनिट दर्ज की गई।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि मानसून के समय से पहले आने और मौसमी बारिश ने मई में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग को भी प्रभावित किया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, मानसून अपने सामान्य समय से आठ दिन पहले यानी 24 मई, 2025 को केरल तट पर पहुंच गया।

विशेषज्ञों ने कहा कि बेमौसम बारिश ने मई के दौरान विशेष रूप से कूलर और एयर कंडीशनर (एसी) जैसे उपकरणों द्वारा बिजली की खपत को कम कर दिया है।

मई में एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति पिछले महीने घटकर लगभग 231 गीगावाट रह गई, जो मई 2024 में लगभग 250 गीगावाट थी।

मई, 2024 में एक दिन में सबसे ज्यादा मांग लगभग 250 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई।

पिछली सर्वकालिक उच्च बिजली मांग 243.27 गीगावाट सितंबर, 2023 में दर्ज की गई थी।

सरकारी अनुमानों के अनुसार, 2025 की गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 277 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है।

विशेषज्ञों ने कहा कि आने वाले महीनों में बिजली की मांग और खपत स्थिर रहेगी।

मौसम विभाग के अनुसार, भारत में अप्रैल से जून तक सामान्य से अधिक तापमान रहने की उम्मीद है, साथ ही मध्य और पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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