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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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सरगनाओं को पकड़ने के लिए अन्य एजेंसियों से बेहतर समन्वय बनाएं डीआरआई अधिकारीः सीतारमण

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(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राजस्व आसूचना अधिकारियों से राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाने और तस्करी गिरोहों के सरगनाओं को पकड़ने के लिए ‘कार्रवाई लायक खुफिया जानकारी’ पर तेजी से काम करने को कहा।

सीतारमण ने नशीले पदार्थों को ‘सबसे बड़ा खतरा’ बताते हुए कहा कि स्कूल एवं कॉलेज इन नशीले पदार्थों के दुरुपयोग के ‘पहले शिकार’ हैं। उन्होंने राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) से इस पर लगाम लगाने और राज्य पुलिस के साथ समन्वय बनाने के लिए कहा।

वित्त मंत्री ने डीआरआई के नए मुख्यालय भवन के उद्धाटन कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमें खतरे के आकार और दायरे के बारे में अधिक समन्वय एवं अधिक समझ की जरूरत है।’’

उन्होंने डीआरआई अधिकारियों से तस्करी मामलों की ‘समग्र रूप से’ जांच करने और बड़ी तस्वीर को ध्यान में रखने के लिए कहा ताकि सिर्फ अलग-अलग उल्लंघनों की ही पड़ताल न की जाए।

सीतारमण ने प्रवर्तन अधिकारियों से कहा, ‘‘किसी इकाई, किसी व्यक्ति और उनके व्यवहार के तरीकों पर उपलब्ध सभी सूचनाओं और डेटा का लाभ उठाएं, ताकि छिपे हुए बिंदुओं को जोड़कर गहन प्रणालीगत जोखिमों और खतरों को उजागर किया जा सके। पूरे नेटवर्क और सिंडिकेट को खत्म करने का लक्ष्य होना चाहिए।’’

उन्होंने यह भी कहा कि डीआरआई को ‘अधिक जागरूकता और अधिक कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी’ की जरूरत है। उन्होंने प्रवर्तन एजेंसियों को खुफिया सूचनाओं में से कार्रवाई के लायक सूचनाओं को लेकर ‘स्मार्ट’ रुख अपनाने की नसीहत भी दी।

वित्त मंत्री ने डीआरआई अधिकारियों से अपराध के सरगनाओं पर नजर रखने का सुझाव देते हुए कहा, ‘‘अगर आप छोटी मछलियों को पकड़ते हैं तो कोई फायदा नहीं… बड़ी मछलियां वे हैं जो हमारी कई कार्रवाइयों से अछूती हैं। हमें पूरी तस्करी श्रृंखला, पूरी नापाक ऑपरेशन श्रृंखला को ट्रैक करके उस पर कार्रवाई करने की ज़रूरत है।’’

उन्होंने कहा कि डीआरआई को स्कूल, कॉलेज में नशीले पदार्थों की मौजूदगी को लेकर राज्य पुलिस अधिकारियों या राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करने की ज़रूरत है ताकि उन्हें ‘स्थिति की गंभीरता’ समझाई जा सके।

उन्होंने खुफिया आंकड़ों के विशाल भंडार पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए बेहतर अंतर-एजेंसी समन्वय की बात भी कही।

वित्त मंत्री ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रणाली में और अधिक गहराई से अपनाना होगा। इसके साथ ही मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी भी बनानी होगी।

सीतारमण ने प्रभावी प्रवर्तन के लिए तीन बिंदुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि नियमों को निष्पक्ष एवं लगातार लागू किया जाना चाहिए और धोखाधड़ी को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘धोखाधड़ी का पता लगाने वाला मजबूत खुफिया ढांचा न केवल गलत काम करने वालों को पकड़ने के लिए बल्कि ईमानदार व्यापार के लिए समान अवसर तैयार करने को भी आवश्यक है।’’

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के तहत डीआरआई की स्थापना 1957 में की गई थी। इसका काम तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी एवं अवैध व्यापार का पता लगाना है।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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