नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) केंद्र सरकार ने घर के भीतर (इनडोर) इस्तेमाल के लिए छह गीगाहर्ट्ज बैंड का एक हिस्सा लाइसेंस मुक्त करने के लिए नियमों का मसौदा नियम जारी कर दिया हैं जिससे वाई-फाई ब्रॉडबैंड क्षेत्र को लाभ होने की उम्मीद है।
दूरसंचार विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि ये नियम 5925-6425 मेगाहर्ट्ज बैंड में लागू होंगे।
अधिसूचना में कुछ तकनीकी मापदंड तय करते हुए कहा गया है कि इस स्पेक्ट्रम बैंड में संचालित रेडियो लोकल एरिया नेटवर्क समेत किसी भी वायरलेस उपकरण को स्थापित करने, बनाए रखने, काम करने के लिए किसी प्राधिकार या आवृत्ति आवंटन की जरूरत नहीं होगी।
कम पावर वाले इनडोर उपकरणों को हस्तक्षेप से बचने के लिए पावर आउटपुट को 30 डीबीएम पर सीमित करने का प्रस्ताव है। इसमें परिचालन को लेकर कुछ प्रतिबंध भी बताए गए हैं।
इसके मुताबिक, भूमि वाहनों (कार, ट्रेन) और नावों, विमानों (10,000 फुट से नीचे) पर इनडोर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। ड्रोन और मानव-रहित हवाई प्रणालियों के साथ संचार और नियंत्रण भी निषिद्ध है।
आईटीयू-एपीटी फाउंडेशन ऑफ इंडिया (आईएएफआई) ने छह गीगाहर्ट्ज बैंड के निचले 500 मेगाहर्ट्ज को लाइसेंस मुक्त करने के निर्णय को ‘दूरदर्शी’ बताते हुए कहा कि इससे कम शक्ति और बहुत कम शक्ति वाले वायरलेस एक्सेस सिस्टम द्वारा इस स्पेक्ट्रम का लाइसेंस के बगैर इस्तेमाल का रास्ता खुलता है।
आईएएफआई के अध्यक्ष भारत भाटिया ने कहा, ‘‘सरकार का यह साहसिक कदम भारत के डिजिटल भविष्य के लिए रुख बदलने वाला है। इस फैसले से भारत छह गीगाहर्ट्ज बैंड खोल चुके 100 से अधिक देशों के समूह में शामिल हो गया है।’’
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.