नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय संगठन आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) एक बहुपक्षीय समझौते का प्रारूप लेकर आया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने परिचालन वाले देश में करों का समुचित मात्रा में भुगतान करें।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर कराधान से जुड़े मुद्दे के समाधान के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है। इसका एक हिस्सा बाजार क्षेत्राधिकार में लाभ के अतिरिक्त हिस्से के दोबारा आवंटन से संबंधित है जबकि दूसरा हिस्सा न्यूनतम कर का प्रावधान करने के साथ कर नियमों के अधीन होने का जिक्र करता है।
ओईसीडी ने एक बयान में कहा, ‘यह समझौता अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण और वैश्वीकरण से पैदा होने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए दो स्तंभों वाला समाधान को अंतिम रूप देने की दिशा में एक कदम बढ़ाता है।’
संगठन ने कहा कि पहले की राशि को लागू करने के लिए बहुपक्षीय समझौता (एमएलसी) 138 सदस्य देशों के बीच बनी सहमति को दर्शाता है। पहले हिस्से की यह राशि बाजारों में काम करने वाले सबसे बड़े और सबसे लाभदायक बहुराष्ट्रीय उद्यमों (एमएनई) के मुनाफे के एक हिस्से का उस बाजार में दोबारा आवंटन से संबंधित है।
इस समझौते के अनुसार, पहले स्तंभ की ‘राशि ए’ बड़ी और लाभदायक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अवशिष्ट लाभ का 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सा दोबारा आवंटित करने का अधिकार उनके परिचालन वाले देशों को देती है।
ओईसीडी के मुताबिक, मौजूदा कॉरपोरेट कर राजस्व में हिस्सेदारी के रूप में निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों को सबसे अधिक लाभ होने की उम्मीद है।
संगठन ने कहा कि दूसरे स्तंभ में वैश्विक न्यूनतम कर के लिए मॉडल नियम निर्धारित किए गए हैं। सदस्य देश इसे अपने घरेलू कानून में जगह दे सकते हैं जिससे यह सुनिश्चित होगा कि बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां हरेक देश में होने वाले लाभ पर 15 प्रतिशत कर सीमा के दायरे में आएंगी।
ओईसीडी ने कहा कि वैश्विक न्यूनतम कर से सालाना 200 अरब डॉलर तक का अतिरिक्त राजस्व पैदा होने की उम्मीद है।
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी में साझेदार गौरी पुरी ने कहा, ‘यह वैश्विक अंतरराष्ट्रीय कर सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सदस्य देशों को अपने कानूनों के तहत इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर और अनुमोदन के लिए घरेलू स्तर पर परामर्श और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की दिशा में कदम उठाने होंगे।’
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.