नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) कोल इंडिया लिमिटेड की दो अनुषंगी कंपनियों – बीसीसीएल और सीएमपीडीआई – को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि इसके लिए दस्तावेजों का मसौदा जल्द ही सेबी के पास दाखिल किया जाएगा।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के निदेशक (व्यावसायिक विकास) देवाशीष नंदा ने सीआईआई खनन एवं निर्माण उपकरण सम्मेलन के अवसर पर कहा, ‘‘हम जल्द ही डीआरएचपी दाखिल करने जा रहे हैं। हम उस पर काम कर रहे हैं।’’
डीआरएचपी एक प्रारंभिक दस्तावेज है, जिसे कोई कंपनी सार्वजनिक पेशकश के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दाखिल करती है।
नंदा ने आगे कहा कि आईपीओ के लिए बुक रनिंग लीड प्रबंधक (बीआरएलएम) की नियुक्ति हाल में की गई है।
कोयला मंत्रालय ने पहले कहा था कि दोनों फर्मों – भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टिट्यूट (सीएमपीडीआई) को सूचीबद्ध किया जाएगा। मंत्रालय ने यह भी कहा था कि आईपीओ लाने का समय बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा।
कोल इंडिया की सात कोयला उत्पादक अनुषंगी कंपनियां और एक तकनीकी एवं परामर्श कंपनी है। कंपनी घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक योगदान करती है।
नंदा ने कहा कि कंपनी भारत और विदेश, दोनों में महत्वपूर्ण खनिजों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ विदेश में महत्वपूर्ण खनिज परियोजनाओं के संबंध में, हम दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका पर विचार कर रहे हैं।’’ हालांकि, उन्होंने कंपनियों के नाम नहीं बताए।
उन्होंने कहा कि सीआईएल तीन कोयला गैसीकरण परियोजनाओं पर काम कर रही है, जो विभिन्न चरणों में हैं। कंपनी ओडिशा में 1,600 मेगावाट की बिजली परियोजना पर काम कर रही है, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि (संयंत्र की) परियोजना लागत 16,000 करोड़ रुपये होगी।’’
कंपनी दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ भी इसी तरह की बिजली परियोजना पर काम कर रही है। सीआईएल ने हाल में डीवीसी के साथ एक समझौता किया है।
नंदा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए सीआईएल का पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 17,000 करोड़ रुपये है।
भाषा पाण्डेय अजय
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