कोलंबो, 14 अक्टूबर (भाषा) श्रीलंका की नयी सरकार भारत के अदाणी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना के लिए पिछली सरकार द्वारा दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार करेगी।
अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली श्रीलंका की नयी सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को यह जानकारी दी।
अटॉर्नी जनरल की ओर से न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ को बताया गया कि परियोजना की समीक्षा करने का निर्णय सात अक्टूबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था।
अदालत को बताया गया कि नयी सरकार का अंतिम निर्णय 14 नवंबर के संसदीय चुनाव के बाद नये मंत्रिमंडल का गठन होने पर घोषित किया जाएगा।
राष्ट्रपति दिसानायके ने 21 सितंबर के राष्ट्रपति चुनाव से पहले वादा किया था कि उनका नेशनल पीपल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन इस परियोजना को रद्द कर देगा।
एनपीपी ने दावा किया कि यह परियोजना श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र की संप्रभुता के लिए खतरा है। अदाणी समूह मन्नार और पूनरी के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 484 मेगावाट पवन ऊर्जा के विकास के लिए 20 साल के समझौते के साथ 44 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक निवेश करने वाला था।
इस परियोजना को श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय में मौलिक अधिकारों के मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है।
भाषा पाण्डेय अजय
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