देहरादून, 15 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि बैंक प्रदेश के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंद और योग्य लोगों के लिए ऋण प्रक्रिया को आसान करके ‘रिवर्स पलायन’ की दिशा में किए जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
नाबार्ड के तत्वावधान में आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘रिवर्स पलायन’ की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है और बैंकों को भी इस कार्य में भागीदार बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों को आसानी से ऋण मिल सके, इसमें बैंकों की बहुत बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि नाबार्ड की ऋण योजना के आवंटन के लिए बैंक की प्रत्येक शाखा को एक निश्चित लक्ष्य के साथ काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रदेश के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों का विकास जरूरी है और हमारे ‘रिवर्स पलायन मिशन’ के लिए भी अति आवश्यक है।’’
धामी ने उत्तराखंड में कृषि, बागवानी तथा छोटे और मध्यम क्षेत्र के उद्योगों के विकास के लिए नाबार्ड द्वारा इस वर्ष के लिए चालीस हजार करोड़ रूपये की ऋण योजना तैयार करने के लिए उसका आभार भी जताया। यह योजना पिछले वर्ष की तुलना में 33.5 प्रतिशत अधिक है।
नारी शक्ति वंदन विधेयक का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी उत्तराखंड में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान कर रही है। उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों से प्रदेश की महिलाओं के लिए विशेष योजना प्रारंभ करने को कहा ताकि महिलाओं को भी इन योजनाओं का अधिक लाभ मिल सके।
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