नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो की बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने के कारणों की व्यापक समीक्षा और आकलन के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है।
शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार, समिति के सदस्यों में संयुक्त महानिदेशक संजय के ब्रम्हाने, उप महानिदेशक अमित गुप्ता, वरिष्ठ उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन कपिल मांगलिक और उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन रामपाल शामिल हैं।
आदेश में कहा गया है कि समिति 15 दिनों के भीतर डीजीसीए को अपने निष्कर्ष और सिफारिशें प्रस्तुत करेगी ताकि आवश्यक नियामक प्रवर्तन कार्रवाई की जा सके और संस्थागत सुदृढ़ीकरण सुनिश्चित किया जा सके।
आदेश के अनुसार, प्रथम दृष्टि में स्थिति आंतरिक निरीक्षण, परिचालन तैयारियों और अनुपालन योजना में कमियों का संकेत देती है, जिसके लिए स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है।
डीजीसीए ने कहा कि उसने एफडीटीएल (उड़ान ड्यूटी समयसीमा) मानदंडों से संबंधित प्रावधानों को लागू करने के लिए समय पर तैयारी करने हेतु एयरलाइन को समय-समय पर कई बार निर्देश और अग्रिम निर्देश जारी किए हैं।
नियामक ने पाया कि एयरलाइन कर्मचारियों की उपलब्धता का सही अनुमान और समय पर प्रशिक्षण नहीं करवा सकी ताथ अपने कर्मचारियों की कार्य-सूची को समय पर बदलने में असफल रही, जिसके परिणामस्वरूप नवंबर 2025 के अंत से इसकी उड़ाने देर से रवाना और रद्द हुईं।
इसके बाद, नियामक ने इंडिगो के साथ एक समीक्षा बैठक की, जिसमें एयरलाइन ने स्वीकार किया कि वह संशोधित मानदंडों के तहत वास्तविक चालक दल की आवश्यकता का अनुमान लगाने में विफल रही है।
आदेश के अनुसार, उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) से संबंधित संशोधित नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) 2024 के दूसरे चरण को लागू करने में महत्वपूर्ण योजना और मूल्यांकन अंतराल मौजूद थे।
एफडीटीएल से संबंधित नागर विमानन आवश्यकताएं (सीएआर) दो चरणों में क्रियान्वित की गईं, पहला चरण एक जुलाई से तथा दूसरा एक नवंबर से लागू हुआ।
आदेश में कहा गया कि इस कमी के कारण बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न हुए और प्रतिदिन 170-200 उड़ानें रद्द की गईं। इससे नेटवर्क की स्थिरता और यात्रियों की सुविधा पर गंभीर असर पड़ा। नवंबर महीने में देखा गया कि अन्य एयरलाइन की तुलना में इंडिगो की उड़ान रद्द होने की संख्या सबसे अधिक थी।
भाषा योगेश रमण
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