मुंबई, सात मार्च (भाषा) पुरुषों की तुलना में कर्ज चुकाने की बेहतर दर के बावजूद महिलाओं की ऋण तक पहुंच बालिग आबादी का मात्र 12 प्रतिशत है। ।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले प्रकाशित ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं का कुल आबादी में लगभग आधा हिस्सा है। इसके बावजूद महिलाओं का 2021 के अंत तक कुल बकाया ऋण में एक-चौथाई से भी कम हिस्सा है।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2021 तक ऋण लेने वाली महिलाओं का हिस्सा 12 प्रतिशत है। यह हालांकि पांच साल पहले के छह प्रतिशत के स्तर से दोगुना हो गया है लेकिन कर्ज चुकाने की बेहतर दरों के बावजूद कम है।
रिपोर्ट के अनुसार, सभी खुदरा ऋणों में महिलाओं द्वारा लिए गए ऋण नहीं चुका पाने की दर 5.2 प्रतिशत है, जबकि पुरुषों के लिए यह दर 6.9 प्रतिशत है।
इसके अलावा रिपोर्ट में पाया गया कि 53 प्रतिशत महिलाएं ‘प्राइम क्रेडिट स्कोर’ के दायरे में आती हैं, जबकि 47 फीसदी पुरुष इस श्रेणी में आते हैं। प्राइम क्रेडिट श्रेणी में आने वाले उपभोक्ताओं को सबसे कम ब्याज दरों और सर्वोत्तम शर्तों के साथ ऋण की पेशकश की जाती है।
भाषा जतिन अजय
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