नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) कंसल्टिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीईएआई) के पूर्व अध्यक्ष के के कपिला ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंपनी अधिनियम में भारतीय कंपनी की परिभाषा बदलने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है।
कपिला ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा है कि भारतीय कंपनी की परिभाषा को बदलना निहायत ही जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में भारत में पंजीकृत और यहां करों का भुगतान करने वाली किसी भी कंपनी को भारतीय कंपनी माना जाता है। लेकिन इसमें खामी यह है कि यह कंपनी किसी चीनी, अमेरिकी या ब्रिटिश कंपनी की पूर्ण-स्वामित्व वाली इकाई भी हो सकती है। इस परिभाषा में फौरन बदलाव करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियां कंपनी अधिनियम के इस प्रावधान का खुलकर दुरुपयोग कर रही हैं और भारतीय कंपनियों के लिए चिह्नित लाभ उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में भारतीय कंपनी की परिभाषा बदलना निहायत ही जरूरी है ताकि आत्मनिर्भर भारत के लाभ विदेशी मूल की कंपनियों को न मिल पाए।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हमारा प्रस्ताव है कि कंपनी अधिनियम 2013 में भारतीय कंपनी को इस तरह परिभाषित किया जाए कि वह भारत में पंजीकृत हो और उसमें 60 प्रतिशत से अधिक शेयरधारिता भारतीय नागरिकों के पास हो।’’
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प्रेम अजय
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