scorecardresearch
रविवार, 11 मई, 2025
होमदेशअर्थजगतरबी सत्र के लिए नैनो यूरिया की मांग 2.36 करोड़ बोतल की आंकी गई; छह संयंत्र चालू

रबी सत्र के लिए नैनो यूरिया की मांग 2.36 करोड़ बोतल की आंकी गई; छह संयंत्र चालू

Text Size:

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) चालू 2024-25 रबी सत्र के लिए देश की नैनो यूरिया की आवश्यकता 500 मिलीलीटर की 2.36 करोड़ बोतलें होने का अनुमान है। इसमें सबसे ज्यादा मांग उत्तर प्रदेश में है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

सबसे ज्यादा जरूरत, उत्तर प्रदेश से 43.38 लाख बोतलों की है। उसके बाद महाराष्ट्र (34.7 लाख बोतलें) और पंजाब (20.82 लाख बोतलें) का नंबर आता है।

हरियाणा और कर्नाटक को इस सत्र में 17.35 लाख बोतलों की जरूरत होने का अनुमान है, जबकि राजस्थान को 15.01 लाख बोतलों और मध्य प्रदेश को 12.54 लाख बोतलों की जरूरत है।

हालांकि, गुजरात, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, चंडीगढ़, दमन और दीव, दादर और नगर हवेली तथा अंडमान एवं निकोबार से कोई आवश्यकता नहीं बताई गई है।

देश में मौजूदा समय में नैनो यूरिया के छह चालू संयंत्र हैं जिनकी संयुक्त वार्षिक क्षमता 27.22 करोड़ बोतलों की है।

तीन संयंत्र वर्ष 2024 में चालू किए गए। इनमें मेघमणि क्रॉप न्यूट्रिशन का संयंत्र पांच करोड़ बोतलों की क्षमता वाला, जुआरी फार्म हब और कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड की सुविधाएं क्रमशः 12 लाख बोतलों और 60 लाख बोतलों की क्षमता वाली हैं।

एक सहकारी उर्वरक कंपनी इफको, शेष तीन संयंत्रों का संचालन करती है, जिन्हें वर्ष 2021 और वर्ष 2023 के बीच चालू किया गया। इनमें गुजरात के कलोल में पांच करोड़ बोतलों की क्षमता वाला भारत का पहला नैनो यूरिया संयंत्र और उत्तर प्रदेश के फूलपुर और आंवला में उत्पादन केन्द्र शामिल हैं।

सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त नैनो यूरिया संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा दे रही है।

रबी सत्र में, जिसकी बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और अप्रैल से कटाई होती है, मुख्य रूप से गेहूं, जौ, चना और रैपसीड सरसों का उत्पादन होता है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments