कोलकाता, 24 जुलाई (भाषा) इस्पात उत्पादक कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील को उम्मीद है कि इस धातु पर लगा निर्यात शुल्क जल्द ही खत्म हो जाएगा और चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मांग के सात-आठ प्रतिशत बढ़ने के साथ कीमतों में भी मजबूती बनी रहेगी।
जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं समूह मुख्य वित्त अधिकारी शेषगिरि राव ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में यह संभावना जताई। हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून की अवधि में घरेलू बाजार में इस्पात विनिर्माण उद्योग में 4.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
राव ने कहा, “जुलाई से पुनर्भंडारण दोबारा शुरू होने के साथ उद्योग के लिए दूसरी तिमाही में इस्पात की मांग सात-आठ प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। पहली तिमाही की तुलना में हमारी लाभप्रदता में भी सुधार होगा। लेकिन कच्चे माल की कीमतों में नरमी का अधिकतम लाभ सितंबर-दिसंबर की अवधि में ही लिया जा सकता है।’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वृद्धि के मकसद से अपने पूंजीगत व्यय में कंपनी कोई कटौती नहीं करने जा रही है। हालांकि बाजार की स्थिति सामान्य होने तक केवल विवेकाधीन और गैर-जरूरी विशेष परियोजनाओं को ही समायोजित किया गया है।
जेएसडब्ल्यू स्टील ने चालू वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय में 5,000 करोड़ रुपये की कटौती कर 15,000 करोड़ रुपये करने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘कच्चे माल की लागत में 2.5 गुना उछाल, स्टील की कीमतों में गिरावट और निर्यात शुल्क लगने से अप्रैल-जून तिमाही में जेएसडब्ल्यू का लाभ 85 प्रतिशत घटकर 839 करोड़ रुपये रह गया।’’
बड़ी घरेलू इस्पात निर्माता ने कहा कि वैश्विक बाजार में उत्पादन समायोजन को देखते हुए कीमतें स्थिर रहेंगी। कंपनी की योजना वर्ष 2025 तक उत्पादन क्षमता को 2.7 करोड़ टन से बढ़ाकर 3.7 करोड़ टन करने की है। राव ने कहा कि क्षमता वृद्धि की योजना पटरी पर है।
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