नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) दिल्ली सरकार ने औद्योगिक नीति 2025-35 का मसौदा तैयार किया है। इसके तहत कृत्रिम मेधा (एआई) और वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) सहित अग्रणी प्रौद्योगिकी सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए 400 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित करने का प्रस्ताव है।
साथ ही इसमें 50 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश की वापसी (रिइम्बर्समेंट) करने की बात भी कही गई है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
नीति के मसौदे में अनुसंधान और नवाचार के साथ ही आतिथ्य को भी केंद्रित क्षेत्र के रूप में नामित किया गया है। इसपर 30 जुलाई तक हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।
यह मसौदा रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कृत्रिम मेधा, बिग डेटा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई), गेमिंग, एनिमेशन, बायोटेक, आईटी और आईटी आधारित सेवाओं सहित अग्रणी प्रौद्योगिकी सेवाओं में निवेश पर केंद्रित है।
दस्तावेज में कहा गया, ‘‘वित्तीय प्रौद्योगिकी, कृत्रिम मेधा, जैव प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) क्षेत्रों के लिए निवेशक अनुकूल पहल शुरू करने की जरूरत है, जिससे अग्रणी वैश्विक कंपनियों को दिल्ली में मुख्यालय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।’’
दस्तावेज में कहा गया है कि वाणिज्यिक कार्यालय स्थलों की कमी के चलते दिल्ली की अर्थव्यवस्था में आईटी और आईटीईएस क्षेत्र के योगदान में उल्लेखनीय कमी हुई है।
इसमें कहा गया है कि सरकार का लक्ष्य बड़े कार्यालय स्थलों की उपलब्धता बढ़ाना, भरोसेमंद बिजली और परिवहन अवसंरचना सुनिश्चित करना और नवीन प्रौद्योगिकियों में मजबूत अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को बढ़ावा देना है।
नीति के मसौदे में कहा गया है कि अग्रणी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए पांच वर्षों में स्थिर पूंजी निवेश के 50 प्रतिशत की वापसी की जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा प्रति परियोजना 50 करोड़ रुपये तक है। इसके अलावा ब्याज सब्सिडी, राज्य जीएसटी की वापसी और पेटेंट दाखिल करने पर सहायता देने का प्रस्ताव भी है।
नीति में उद्योगों के लिए 400 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित करने का प्रस्ताव है।
भाषा पाण्डेय अजय
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