नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) दिल्ली के व्यापारियों ने भारत की आतंकवाद-विरोधी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान के पक्ष में नजर आने वाले देशों तुर्किये और अजरबैजान के साथ सभी कारोबारी रिश्ते खत्म करने की शुक्रवार को शपथ ली।
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर पाकिस्तान का ‘समर्थन’ करने के लिए कई आर्थिक संगठनों ने इन दोनों देशों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) की तरफ से दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक अभियान में कई बाजार संघों, व्यापारियों और कारखाना मालिकों ने भाग लिया।
सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि व्यापारियों ने तुर्किये और अजरबैजान के साथ भविष्य में कोई व्यापार नहीं करने की सामूहिक रूप से शपथ ली।
इस दौरान कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, नया बाजार, खारी बावली, गांधी नगर, सदर बाजार, रोहिणी, करोल बाग, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, कमला नगर, बवाना और नरेला जैसे प्रमुख बाजारों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
व्यापार बहिष्कार के अलावा कारोबारियों ने तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा न करने की भी शपथ ली।
गोयल ने कहा कि दिल्ली के सैकड़ों व्यापारियों ने पहले ही तुर्की और अजरबैजान के साथ अपने ऑर्डर रद्द करने शुरू कर दिए हैं और अब वे दूसरे देशों में सोर्सिंग विकल्प तलाश रहे हैं।
सीटीआई ने कहा कि भारतीय व्यापारी समूहों के बहिष्कार से तुर्किये की अर्थव्यवस्था को संभावित रूप से एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
दिल्ली स्थित एक ट्रैवल एवं टूरिज्म एजेंसी के निदेशक मनोज खंडेलवाल ने कहा कि कई यात्रियों ने पहले ही इन देशों की यात्रा रद्द कर दी है। उन्होंने कहा कि अधिकांश ट्रैवल एजेंसियां अब दोनों देशों के लिए बुकिंग नहीं दे रही हैं।
सीटीआई संयोजक प्रियंका सक्सेना ने कहा कि वर्ष 2024 में लगभग 2.75 लाख भारतीय पर्यटक तुर्किये और 2.25 लाख अजरबैजान गए थे। पर्यटन का दोनों देशों की समग्र अर्थव्यवस्था में लगभग 12-14 प्रतिशत का योगदान है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.