नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशनों पर भारत की कुल बिजली खपत में वित्त वर्ष 2024-25 में फरवरी तक राष्ट्रीय राजधानी का योगदान 40 प्रतिशत से अधिक था। एक नई रिपोर्ट में यह कहा गया है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की पिछले साल अप्रैल से इस फरवरी तक के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट में दिखाया गया है कि इस मोर्चे पर दिल्ली देश में सबसे आगे है, जबकि महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है।
इस अवधि के दौरान ईवी चार्जिंग स्टेशनों पर भारत की कुल बिजली खपत 76.3 करोड़ यूनिट थी।
रिपोर्ट में बताया गया, “वित्त वर्ष 2024-25 में फरवरी तक, दिल्ली में सबसे ज़्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों की बिजली खपत (30.60 करोड़ यूनिट, 40.11 प्रतिशत) थी, उसके बाद महाराष्ट्र (19.23 करोड़ यूनिट, 25.2 प्रतिशत), कर्नाटक (6.46 करोड़ यूनिट, 8.48 प्रतिशत) और गुजरात (5.83 करोड़ यूनिट, 7.64 प्रतिशत) का स्थान था।”
अन्य राज्यों के संयुक्त समूह ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के लिए शेष 18.6 प्रतिशत बिजली की खपत की।
दिल्ली में फरवरी, 2025 में ईवी चार्जिंग स्टेशनों के साथ-साथ हेवी-ड्यूटी चार्जिंग स्टेशनों द्वारा कुल बिजली की खपत 8.33 करोड़ थी, जबकि अप्रैल, 2024 में यह 5.3 करोड़ यूनिट थी।
दिल्ली की बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस ने दिल्ली में 2,000 से अधिक स्थानों पर लगभग 5,000 ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने में मदद की है, जिससे एक मजबूत और वितरित चार्जिंग नेटवर्क का निर्माण हुआ है।
भाषा अनुराग अजय
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