नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) दिल्ली सरकार का आबकारी राजस्व 2024-25 में बढ़कर लगभग 7,766 करोड़ रुपये हो गया। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि यह 2021-22 की आबकारी नीति से संबंधित अनियमितताओं के आरोपों के कारण हुए व्यवधानों से उबरने के संकेत देता है।
उन्होंने बताया कि तीन साल पहले 2021-22 में दिल्ली सरकार का राजस्व 6,762.61 करोड़ रुपये रहा था।
इसमें उत्पाद शुल्क और मूल्य वर्धित कर (वैट) शामिल है। वित्त वर्ष 2024-25 के आबकारी राजस्व में 2021-22 की तुलना में 15 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि है।
अधिकारियों ने बताया कि 2022-23 में यह बढ़कर 6,830 करोड़ रुपये, 2023-24 में 7,430.97 करोड़ रुपये और 2024-25 में 7,765.97 करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए यह आंकड़ा थोड़ा बढ़ने की संभावना है क्योंकि उत्पाद शुल्क और वैट के आंकड़े केवल फरवरी तक के हैं।
दिल्ली सरकार ने पिछले महीने मौजूदा आबकारी नीति को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था, क्योंकि अभी तक इसका नया संस्करण तैयार नहीं किया गया है।
विस्तारित नीति (पुरानी आबकारी नीति) सितंबर, 2022 में लागू हुई, जब तत्कालीन आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अपनी सुधारात्मक नीति (2021-22) को रद्द कर दिया था।
पुरानी नीति को अलग-अलग अवधि के लिए बढ़ाया जाता रहा है, क्योंकि दिल्ली सरकार अभी तक नई नीति लेकर नहीं आई है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में पीटीआई-भाषा को बताया कि उनकी सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए एक नई, पूर्णतया सुरक्षित और पारदर्शी आबकारी नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नई नीति अन्य राज्यों में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के आधार पर तैयार की जाएगी।
विस्तारित नीति के तहत, दिल्ली सरकार के चार निगम शहर भर में 700 से अधिक खुदरा शराब की दुकानें संचालित करते हैं।
भाषा अनुराग अजय
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