नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) दिल्ली सरकार ने संशोधित इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति का मसौदा तैयार करने के लिए अधिकारियों और विशेषज्ञों की 10 सदस्यीय समिति का गठन किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
समिति के लिए 12 सूत्री एजेंडा तय किया गया है, जिसमें सभी सीएनजी वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलना, फ्लाईओवर के नीचे चार्जिंग सुविधाएं, बैटरी अपशिष्ट का प्रबंधन, अंतिम गंतव्य तक संपर्क सुविधा, सब्सिडी वितरण और संशोधित नीति के अन्य पहलू शामिल हैं।
एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, “सीएनजी से ईवी में बदलाव के लिए, समिति यह सुनिश्चित करेगी कि दिल्ली में वर्तमान में उपयोग वाली सीएनजी कारों की संख्या का आकलन करने के लिए एक वैज्ञानिक अध्ययन किया जाए और एक अप्रैल, 2026 से एक वर्ष के भीतर उन्हें ईवी के साथ बदलने के लिए एक व्यवहारिक योजना की रूपरेखा तैयार की जाए।”
दस्तावेज के अनुसार, विशेषज्ञ समिति विस्तृत जांच के बाद फ्लाईओवर के नीचे ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के उपायों और निजी और अर्ध-सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए वर्षवार विशिष्ट लक्ष्यों पर सुझाव देगी।
समिति में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-दिल्ली के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और परिवहन अनुसंधान एवं चोट निवारण केंद्र (टीआरआईपीसी) के प्रमुख के रामचंद्र राव, नीति आयोग के सलाहकार और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के प्रबंध निदेशक सुधेंदु ज्योति सिन्हा, परिवहन विभाग के शीर्ष अधिकारी, बिजली वितरण कंपनियों के सदस्य और अन्य लोग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में 16 अप्रैल को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूदा ईवी नीति को तीन महीने के लिए बढ़ाने को मंजूरी दी गई।
भाषा अनुराग रमण
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