नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) इस्पात क्षेत्र के दिग्गज लक्ष्मी मित्तल के भाई एवं उद्योगपति प्रमोद मित्तल की ओर से दायर 40 करोड़ डॉलर (करीब 3,438 करोड़ रुपये) के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता दावे पर फैसला एक महीने के भीतर आने की संभावना है। मित्तल समूह के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कंपनी के अधिकारी ने बताया कि इस्पात, ऊर्जा, खनन एवं बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कार्यरत वैश्विक समूह मित्तल समूह के चेयरमैन मित्तल ने 2006 में हस्ताक्षरित भारत-बोस्निया द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के गंभीर उल्लंघन का हवाला देते हुए बोस्निया एंड हर्जेगोविना की सरकार के खिलाफ 40 लाख अमेरिकी डॉलर का अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता दावा दायर किया है।
नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘‘ यह भारत की ओर से हाल के वर्षों में किए गए सबसे प्रबल दावों में से एक है। यह वाणिज्यिक नुकसान से कहीं आगे की बात है। यह संवेदनशील न्यायक्षेत्रों में बीआईटी के संरक्षण की विश्वसनीयता की परीक्षा लेता है।’’
मित्तल समूह के प्रवक्ता ने हालांकि ई-मेल से भेजे गए प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दिया।
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निहारिका अजय
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