नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) पर्यावरण मंत्रालय ने ताप विद्युत संयंत्रों में प्रदूषण नियंत्रण प्रौद्योगिकी स्थापित करने और नए उत्सर्जन मानकों के अनुपालन की समयसीमा एक बार फिर बढ़ा दी है। पिछले पांच वर्षों में तीसरी बार यह समयसीमा बढ़ाई गई है।
पर्यावरण मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि दिल्ली-एनसीआर और 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित ताप विद्युत संयंत्रों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रौद्योगिकी लगाने की समयसीमा को दो साल बढ़ाकर दिसंबर, 2024 कर दिया गया है। पहले इसकी समयसीमा दिसंबर, 2022 में ही खत्म होने वाली थी।
वहीं अधिक प्रदूषण वाले इलाकों के 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित ताप विद्युत संयंत्रों के लिए समयसीमा को दिसंबर, 2023 से बढ़ाकर दिसंबर, 2025 कर दिया गया है। अधिक प्रदूषण वाले और वायु गुणवत्ता मानकों के अनुपालन में नाकाम रहने वाले शहरों के तौर पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 132 शहरों को चिह्नित किया है।
मंत्रालय की इस अधिसूचना के मुताबिक, देश के अन्य इलाकों में स्थित ताप विद्युत संयंत्रों के लिए इस समयसीमा को दो साल बढ़ाकर दिसंबर, 2026 कर दिया गया है। पहले यह समयसीमा दिसंबर, 2024 में खत्म होने वाली थी।
इसके साथ ही पर्यावरण मंत्रालय ने यह साफ किया है कि दिसंबर, 2027 तक बंद होने की घोषणा कर चुके संयंत्रों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रौद्योगिकी लगाने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, इस छूट के लिए उन संयंत्रों को सीपीसीबी और केंद्रीय विद्युत अधिकरण की मंजूरी लेनी होगी।
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