चेन्नई, 25 फरवरी (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी आने के बाद की स्थिति सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के लिए ‘वाई2के पल’ जैसी है जिसमें डेटा सेंटर एवं क्लाउड नीति अहम भूमिका निभा सकती है।
चंद्रशेखर ने प्रस्तावित राष्ट्रीय डेटा सेंटर और क्लाउड नीति पर विभिन्न पक्षों के साथ यहां एक चर्चा में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि करीब साढ़े चार घंटे तक चली बैठक सार्थक रही।
उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए। तमिलनाडु डेटा सेंटरों में निवेश आकर्षित करने के लिए काफी उत्सुक है। यह इस उद्योग के लिए वाई2के जैसा पल है।’
नई सहस्राब्दी की शुरुआत के समय समूचे आईटी जगत में यह आशंका बनी हुई थी कि साल 2000 से आंकड़े किस तरह संग्रह कर रखे जाएंगे। इसे आईटी विशेषज्ञों ने वाई2के संकल्पना का नाम दिया था। इस आशंका का भी सही समाधान निकाल लिया गया था और उसके बाद भारत ने आईटी जगत में तेजी से मुकाम बनाया।
चंद्रशेखर ने कहा कि बैठक में शामिल हुए राज्य डेटा सेंटर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के मामले में गढ़ बनकर उभरे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को डेटा सेंटर एवं क्लाउड स्पेस में निवेश आकर्षित करने के लिए सक्रियता दिखाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय डेटा सेंटर एवं क्लाउड नीति का उद्देश्य देश में डेटा सेंटर एवं क्लाउड सेवाओं की वृद्धि को तेज करना है। इससे डेटा सेंटर एवं क्लाउड परिचालन में स्वदेशी मंचों का इस्तेमाल बढ़ाने की सोच है।’
साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या अगले कुछ वर्षों में 80 करोड़ से बढ़कर 1.2 अरब तक हो जाएगी।
भाषा
प्रेम रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.