नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) देश में दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाले (एफएमसीजी) उद्योग ने जून तिमाही में मूल्य के लिहाज से 10.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि ग्रामीण बाजार में खाद्य पदार्थों के अलावा दूसरे खंडों में सुस्ती के बावजूद खपत बढ़ने से एफएमसीजी क्षेत्र को मदद मिली।
आंकड़ा विश्लेषण फर्म नीलसनआईक्यू ने मंगलवार को कहा कि कुल खपत में सुधार हुआ है। अप्रैल-जून तिमाही में क्रमिक आधार पर मात्रा में वृद्धि हुई है, लेकिन समीक्षाधीन तिमाही में वार्षिक आधार पर 0.7 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-जून 2022 के दौरान शहरी बाजारों में मात्रा के लिहाज से 0.6 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि हुई। हालांकि, ग्रामीण बाजारों ने 2.4 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की।
नीलसनआईक्यू ने अपनी एफएमसीजी तिमाही रिपोर्ट में कहा, ‘‘उद्योग में मूल्य आधारित वृद्धि के साथ ही मात्रा में भी सकारात्मक गति देखी गई। पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में मात्रा वृद्धि 4.1 प्रतिशत घटी थी, उसमें कुछ हद तक (अप्रैल-जून 2022 में) सुधार हुआ है और इसमें केवल 0.7 प्रतिशत की कमी आई।’’
नीलसनआईक्यू के प्रबंध निदेशक भारत सतीश पिल्लई ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मुद्रास्फीति और अन्य वृहत आर्थिक कारकों के कारण पिछली पांच तिमाहियों में कीमतों के लिहाज से दहाई अंक में वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एफएमसीजी उद्योग ने जून तिमाही में मूल्य के लिहाज से 10.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी।
भाषा
पाण्डेय रमण
रमण
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