नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद (डीएससीआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के साइबर सुरक्षा उत्पाद कंपनियों के राजस्व के 2026 तक करीब छह अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
आईटी उद्योग निकाय नैसकॉम की डेटा सुरक्षा इकाई के अनुमान के अनुसार भारतीय साइबर सुरक्षा उत्पाद कंपनियों ने 2025 में 4.46 अरब अमेरिकी डॉलर का राजस्व अर्जित किया है।
डीएससीआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनायक गोडसे ने ‘वार्षिक सूचना सुरक्षा शिखर सम्मेलन’ 2025 में कहा, ‘‘ भारत की साइबर सुरक्षा उत्पाद कंपनियों का राजस्व 2026 में अच्छी वृद्धि के लिए तैयार है। 2026 में इसके 5.98 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष में इस क्षेत्र में चार गुना वृद्धि हुई है।
गोडसे ने कहा, ‘‘ 2025 में इस खंड में सालाना आधार पर 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी।’’
उन्होंने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) एक महत्वपूर्ण कारक होगा जिसका इस खंड पर प्रभाव पड़ेगा।
गोडसे ने कहा, ‘‘ …हम अब भी एआई के प्रभाव का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हम यह भी देख रहे हैं कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य ने बाजार को भारतीय साइबर सुरक्षा कंपनियों के लिए अनुकूल बना दिया है। ’’
मुख्य रूप से घरेलू और अमेरिकी बाजार की जरूरतें पूरी करते हुए नए भौगोलिक क्षेत्र, खासकर पश्चिम एशिया उनके लिए नए गंतव्य के रूप में उभर रहे हैं।
डीएससीआई की प्रमुख शोधकर्ता नेहा मिश्रा ने कहा कि भारत में 400 से अधिक साइबर सुरक्षा उत्पाद कंपनियां हैं। इनके कर्नाटक, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और महाराष्ट्र इस क्षेत्र के प्रमुख केंद्र हैं।
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटलीकरण को बढ़ावा, डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा कानून का अनुपालन, क्लाउड पहल आदि इस खंड के विकास में प्रमुख चालक होंगे।
भाषा निहारिका रमण
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