नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) साइबर सुरक्षा से जुड़ी गैर-लाभकारी संगठन साइबरपीस और स्टार्टअप कंपनी इनमोबी ने ‘डिजिटल जन शक्ति’ पहल पेश की है। इस पहल का उद्देश्य देश में युवाओं और वंचित समुदायों में डिजिटल सुरक्षा तथा साइबर सुरक्षा कौशल को बढ़ाना है। दोनों कंपनियों ने सोमवार को जारी संयुक्त बयान में यह जानकारी दी।
बयान के अनुसार, ‘डिजिटल जन शक्ति’ पहल झारखंड की राजधानी रांची में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में पेश की गई।
इस मौके पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा, ‘‘यह पहल भारत के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है…।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी और सशक्त ‘डिजिटल इंडिया’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है…ये प्रयास डिजिटल अंतर को खत्म करने में मदद करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी नागरिक ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार न हो।’’
देश की पहली यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक से मूल्यांकन वाली) स्टार्टअप कंपनी इनमोबी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष (वैश्विक) एवं कंपनी मामलों की मुख्य अधिकारी डॉ. सुबी चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल एक अच्छे उद्देश्य के लिए होना चाहिए और ‘डिजिटल जन शक्ति’ पहल इस दृष्टिकोण को साकार करती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पहल भारत के युवाओं और वंचित समुदायों में व्यावहारिक साइबर सुरक्षा क्षमता का निर्माण करने के लिए है। बढ़ते डिजिटल खतरों के मद्देनजर, उद्योग, सरकार और नागरिक समाज के बीच सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है…।’’
बयान के अनुसार, कार्यक्रम के पहले चरण के तहत 10,000 से अधिक लाभार्थियों तक पहुंचने की योजना है।
साइबरपीस के संस्थापक एवं वैश्विक अध्यक्ष मेजर विनीत कुमार ने कहा, ‘‘ …डिजिटल जन शक्ति’ पहल साइबर-संवेदनशील भारत बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है, जहां कोई भी नागरिक ऑनलाइन खतरों से अनजान नहीं रहेगा।’’
इस कार्यक्रम की पहली कार्यशाला रांची में आयोजित की गई। इसमें 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने साइबर सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर आयोजित सत्रों में हिस्सा लिया।
भाषा रमण निहारिका
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