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तेलंगाना में खेती का रकबा 2014 के 1.31 करोड़ से बढ़कर 2.20 करोड़ हेक्टेयर हुआ : सरकार

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हैदराबाद, 14 अगस्त (भाषा) तेलंगाना में पिछले नौ साल के दौरान खेती का कुल रकबा 1.31 करोड़ से बढ़कर 2.20 करोड़ एकड़ हो गया है, जबकि इस दौरान धान का उत्पादन 68 लाख टन से बढ़कर 2.7 करोड़ टन हो गया है। प्रदेश सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी।

एक बयान में कहा गया है कि कृषि के लिए मुफ्त बिजली, ‘रायथु बंधु’ निवेश सहायता योजना, कृषि ऋण माफी और सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण जैसी किसान समर्थक पहल के कार्यान्वयन के साथ कृषि क्षेत्र में तेजी से प्रगति देखी गई है।

गोदावरी और कृष्णा नदियों के पानी का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण पर वर्ष 2014 से अब तक 1.59 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं।

बयान में गया है कि कालेश्वरम परियोजना रिकॉर्ड समय में पूरी हुई, जबकि पूर्ववर्ती काकतीय युग के तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए मिशन काकतीय कार्यक्रम के तहत 5,249 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

वर्ष 2014 में खेती का रकबा 1.31 करोड़ एकड़ था और वर्ष 2022-23 तक यह रकबा बढ़कर 2.20 करोड़ एकड़ हो गया।

वर्ष 2014-15 में धान का उत्पादन केवल 68 लाख टन था, लेकिन वर्ष 2022-23 तक यह लगभग 2.70 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

इसमें कहा गया है कि वर्ष 2014-15 में कपास की पैदावार 35.83 लाख गांठ थी जो वर्ष 2020-22 तक 63.97 लाख गांठ हो गई।

इसके अलावा सरकार कृषि के लिए चौबीसों घंटे मुफ्त बिजली प्रदान कर रही है।

किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाने के लिए ‘रायथु बंधु’ निवेश सहायता योजना लागू की जा रही है। ‘रायथु बंधु’ योजना के माध्यम से किसानों के खाते में प्रति वर्ष 10,000 रुपये जमा किए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि पिछले 10 चरण में किसानों को 65,190 करोड़ रुपये दिये गए हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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