हैदराबाद, 28 अक्टूबर (भाषा) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति फिलहाल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और किसी एक स्रोत में बाधा आने पर वैकल्पिक आपूर्ति मार्ग भी मौजूद हैं।
पुरी ने यहां एक संवाद सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है और पिछले वित्त वर्ष में 50 से अधिक देशों को 45 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का परिष्कृत तेल निर्यात किया गया।
वर्तमान में भारत तेल रिफाइनिंग क्षमता के मामले में दुनिया में चौथे स्थान पर है और तीसरे स्थान तक पहुंचने का लक्ष्य रखता है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इस समय भारत 40 देशों से कच्चा तेल आयात कर रहा है। देश की रिफाइनरियां पेट्रोरसायन उद्योग के साथ अधिक एकीकृत हो रही हैं जिससे उनकी दक्षता और निर्यात प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हो रही है।
पुरी ने बताया कि कच्चे तेल की खपत 56 लाख बैरल प्रतिदिन के मौजूदा स्तर से बढ़कर अगले कुछ तिमाहियों में 60 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच सकती है।
पुरी ने कहा, “आज स्थिति यह है कि वैश्विक बाजार में पर्याप्त तेल आपूर्ति मौजूद है। इसलिए यदि किसी एक स्रोत से आपूर्ति बाधित होती है, तो वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध हैं।”
उन्होंने कहा कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की 420 में से करीब 101 रिफाइनरी के अगले सात से 10 वर्षों में बंद होने का जोखिम है।
उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि वैश्विक रिफाइनिंग क्षमता का लगभग 20 प्रतिशत घट सकता है। लेकिन भारत की स्थिति मजबूत है। हमारे पास आज लगभग 25 से 25.8 करोड़ टन वार्षिक रिफाइनिंग क्षमता मौजूद है।”
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुमान का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले दो दशक में वैश्विक ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत वृद्धि भारत से होगी। हालांकि, हालिया आकलनों में यह आंकड़ा संशोधित कर 30 प्रतिशत कर दिया गया है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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