मुंबई, 15 नवंबर (भाषा) व्यापक आधार वाले आर्थिक पुनरुद्धार और अधिक मजबूत एवं साफ-सुथरे बही-खाते के दम पर ऋणदाताओं की ऋण वृद्धि चालू और अगले वित्त वर्ष में 15 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है।
क्रिसिल की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक ऋण वृद्धि करीब 18 प्रतिशत रही है जो इसका एक दशक का उच्चस्तर है। मौजूदा वित्त वर्ष के अलावा अगले वित्त वर्ष में भी ऋण वृद्धि 15 प्रतिशत पर रहने की संभावना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े ऋणदाताओं के पास कर्ज लेने के लिए कंपनियों की कतार देखी गई है। पूंजीगत व्यय के अलावा कार्यशील पूंजी जुटाने के लिए भी कंपनियां बैंकों के पास कर्ज के लिए पहुंच रही हैं। इसकी वजह यह है कि अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर रहने से उन्हें मांग बढ़ने की उम्मीद है।
दूसरी तिमाही में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की कॉरपोरेट ऋण बिक्री में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान निजी क्षेत्र के भी तमाम बैंकों के कॉरपोरेट ऋण आवंटन में तेजी देखी गई।
क्रिसिल ने कहा कि उसका पूर्वानुमान चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की संभावना पर आधारित है।
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