नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ावा देने के लिये इस क्षेत्र को दिये जाने वाले कर्ज को प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत लाना चाहिए। साथ ही बैटरी के विकास के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी में अनुसंधान एवं विकास को लेकर पर्याप्त कोष का आवंटन किया जाना चाहिए।
उद्योग संगठन सोसायटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमईवी) ने बृहस्पतिवार अपनी बजट मांग पत्र में यह बात कही।
एसएमईवी ने यह भी कहा कि वाहन और वाहनों के कलपुर्जों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में संशोधन करने की आवश्यकता है, क्योंकि इसके मौजूदा स्वरूप में छोटे और मझोले आकार की इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता कंपनियों को कीमत के मोर्चे पर बेजा नुकसान हो रहा है।
संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिये एक मजबूत परिवेश बनाने और ईवी बाजार को बढ़ावा देने के लिये इस क्षेत्र को दिये जाने वाले कर्ज को प्राथमिकता वाले क्षेत्र में रख सकती है। इससे नागरिकों को कम ब्याज दर पर ईवी खरीदने में मदद मिलेगी।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 का बजट एक फरवरी को संसद में पेश करेंगी।
एसएमईवी ने बैटरी विनिर्माण को लेकर अनुसंधान एवं विकास पर जोर देते हुए कहा, ‘‘जब तक हम ईवी बैटरी पर गंभीरता से काम नहीं करते, हमारी स्थिति अगर बहुत खराब नहीं हुई, तो भी यह कच्चे तेल पर निर्भरता जैसी जरूर हो जाएगी।’’
संगठन के बयान के अनुसार, अनुसंधान का मौजूदा स्तर ठोस नहीं है। सरकार ईवी बैटरी के विकास को लेकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी में अनुसंधान एवं विकास के लिए पर्याप्त धन आवंटित कर सकती है।
भाषा रमण अजय
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