मुंबई, 30 जून (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का क्रेडिट कार्ड मद में फंसा कर्ज बढ़ा है। यह मार्च, 2025 में बढ़कर 14.3 प्रतिशत हो गया जबकि छह महीने पहले यह 12.7 प्रतिशत के स्तर पर था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सोमवार को जारी छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में निजी क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन सरकारी बैंकों से अच्छा है। इस अवधि में निजी बैंकों का क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो से सकल गैर-निष्पादित परिसपंत्ति (एनपीए) 2.1 प्रतिशत पर स्थिर रही है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक पिछले लगभग दो साल से बैंकों को क्रेडिट कार्ड सहित जोखिम भरे असुरक्षित बही-खातों को बढ़ाने के प्रति अधिक सतर्क रहने के लिए कह रहा है। केंद्रीय बैंक ने नवंबर, 2023 में इस तरह के कर्ज को हतोत्साहित करने के लिए जोखिम भारांश भी बढ़ाया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का क्रेडिट कार्ड प्राप्तियों के मोर्चे पर बकाया 19.2 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों का क्रेडिट कार्ड बकाया 11.7 प्रतिशत बढ़ा।
रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की समग्र ऋण वृद्धि एक दशक से भी अधिक समय में पहली बार निजी क्षेत्र के बैंकों से आगे निकल गई।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 2.8 प्रतिशत रहा, जबकि निजी बैंकों के लिए यह 1.8 प्रतिशत रहा।
भाषा अजय अजय रमण
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