नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) रियल एस्टेट क्षेत्र की डेटा विश्लेषक फर्म सीआरई मैट्रिक्स ने प्रॉपइक्विटी की तरफ से लगाए गए डेटा चोरी के आरोपों को ‘झूठा एवं दुर्भावनापूर्ण’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस मामले में उपयुक्त कानूनी कदम उठाएगी।
प्रॉपइक्विटी मंच का संचालन करने वाली गुरुग्राम स्थित कंपनी पीई एनालिटिक्स ने सीआरई मैट्रिक्स पर प्राथमिक आवासीय बाजार के आंकड़ों की चोरी का आरोप लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में मामला दायर किया है। साथ ही उसने आठ करोड़ रुपये के हर्जाने और स्थायी निषेधाज्ञा आदेश की गुहार भी लगाई है।
न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा ने 24 जुलाई के आदेश में प्रतिवादियों को समन जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई 19 सितंबर तय की थी।
मुंबई स्थित सीआरई मैट्रिक्स ने अपने बयान में कहा, ‘‘हम प्रॉपइक्विटी की तरफ से लगाए गए हालिया झूठे आरोपों को सख्ती से खारिज करते हैं। यह हमारी साख को नुकसान पहुंचाने और वृद्धि रोकने का प्रयास है।’’
कंपनी ने कहा कि वह 2018 से ही काम कर रही है और 2019 से लगातार आवासीय क्षेत्र पर रिपोर्ट प्रकाशित करती रही है।
सीआरई मैट्रिक्स ने आरोप लगाया कि पीई एनालिटिक्स ने पहले भी ‘अनचाहे विलय प्रस्ताव, संस्थागत निवेशकों पर दबाव और संस्थापकों एवं कर्मचारियों को डराने’ जैसी कोशिशें की थीं और अब उसने मुकदमेबाजी का तरीका अपनाया है।
प्रॉपइक्विटी का आरोप है कि सीआरई मैट्रिक्स की मई, 2025 में जारी ‘इंडिया हाउसिंग रिपोर्ट’ में दिए गए आंकड़े उसके प्राथमिक आवासीय आंकड़ों से मिलते-जुलते हैं। इसके अलावा सीआरई मैट्रिक्स 2021-24 के दौरान आवासीय क्षेत्र में सक्रिय ही नहीं थी।
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