मुंबई, पांच सितंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को विशेषज्ञों से देश में रुपये तथा सिक्कों को दृष्टिबाधित लोगों के लिये और अनुकूल बनाने के बारे में सुझाव देने को कहा।
न्यायाधीश प्रसन्न वराले और शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने कहा कि अदालत आदेश जारी करती रहती है, कभी-कभी उसे भी अंधेरे में रखा जा सकता है। इसीलिए मामले के समाधान के लिये विशेषज्ञों के सुझाव जरूरी हैं।
अदालत दृष्टिबाधित व्यक्तियों के राष्ट्रीय संघ (एनएबी) की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में दावा किया गया है कि नई करेंसी नोट और सिक्के की पहचान में दृष्टिबाधित लोगों कठिनाई होती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इससे पहले अदालत को बताया था कि उसने रुपये में स्पर्श से जुड़ी कई विशेषताओं को शामिल किया है ताकि दृष्टिबाधित लोग उन्हें आसानी से पहचान सकें।
उसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील उदय वरुंजीकर से इस बारे में विशेषज्ञों की राय लेने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘कुछ विशेषज्ञों के सुझाव लें कि सिक्कों और रुपये को ‘डिजाइन’ करने के लिये कौन से उपा; और तरीके अपनाये जा सकते हैं जिससे वे पूरी तरह से या आंशिक रूप से दृष्टिबाधित लोगों के अनुकूल हों।’’
अदालत मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद करेगी।
भाषा
रमण अजय
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