नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) राजस्व सचिव तरुण बजाज ने शुक्रवार को कहा कि सरकार चाहती है कि घरेलू कंपनियां भारत में अपनी नई विनिर्माण इकाइयां तेजी से स्थापित करें और इसलिए 15 प्रतिशत की रियायती कर की दर को मार्च 2024 तक एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
बजाज ने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ रहा है और इसमें अच्छी तेजी है। इसका मतलब है कि कॉरपोरेट क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा है, और भारत का कर जीडीपी अनुपात चालू वर्ष में ‘‘अब तक का सबसे अधिक’’हो सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश 2022-23 के आम बजट में नई विनिर्माण इकाइयों के लिए रियायती कॉरपोरेट कर की दर मार्च 2024 तक एक और वर्ष के लिए जारी रखने का प्रस्ताव किया।
सरकार ने सितंबर 2019 में कॉरपोरेट कर की दर घटाते हुए कहा था कि किसी एक अक्टूबर 2019 को या उसके बाद गठित घरेलू कंपनी के विनिर्माण क्षेत्र में कोई भी नया निवेश करने पर उसके पास 15 फीसदी की दर से आयकर चुकाने का विकल्प होगा। लेकिन इसके शर्त थी कि उत्पादन 31 मार्च, 2023 तक शुरू हो जाए।
हालांकि, इन कंपनियों को किसी भी अन्य आयकर छूट या प्रोत्साहन का लाभ उठाने की अनुमति नहीं होगी।
बजाज ने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने कर दरों को कम किया, लेकिन अब इसका फायदा दिख रहा है। मुझे आश्चर्य नहीं होगा यदि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों को एक साथ मिलाने पर चालू वर्ष में कर जीडीपी अनुपात सबसे अधिक हो जाए।’’
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में पूंजीगत व्यय बढ़कर दोगुने से अधिक हो गया है और इससे वृद्धि तेज होगी।
भाषा पाण्डेय रमण
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