नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) हितधारकों को निशाना बनाकर होने वाले अनधिकृत संवाद की संभावित घटनाओं को रोकने के प्रयासों के तहत कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी पंजीयक और क्षेत्रीय निदेशकों को कंपनियों और सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) के खिलाफ प्राप्त सभी शिकायतें मंत्रालय की इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री में दर्ज करने का निर्देश दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री ‘एमसीए21’ में सारी जानकारियां डालने के बाद हर शिकायत की एक सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) तैयार होती है और फिर आगे जाकर उस मामले से संबंधित हर संवाद के लिए इसी संख्या का इस्तेमाल किया जाता है।
मंत्रालय ने सभी हितधारकों को सूचित किया है कि कंपनी पंजीयक (आरओसी) और सभी स्थानों के क्षेत्रीय निदेशकों (आरडी) को निर्देश दिया गया है कि कंपनियों और एलएलपी के खिलाफ शिकायतों से जुड़े सभी मामलों, निरीक्षण, पूछताछ, जांच और अभियोग की जानकारी एमसीए21 में डाली जाए और उसके बाद ही कोई पत्र, नोटिस या आदेश जारी किया जाए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि धोखेबाज तत्वों द्वारा हितधारकों का शोषण रोका जा सका। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के संवाद में एसआरएन रहने से हितधारकों को भी यह पता रहेगा कि जो संवाद उन्हें प्राप्त हुआ है वह अधिकृत है।
एमसीए21 मंत्रालय में सांविधिक फाइलिंग जमा करने के लिए एक महत्वपूर्ण पोर्टल है।
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