नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) एक्सिस एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एक्सिस एएमसी) ने कहा कि वह नियामकीय अधिकारियों के साथ ‘फ्रंट रनिंग’ (भेदिया कारोबार) मामले में पूरा सहयोग कर रही है। इस तरह की खबरें आई हैं कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा म्यूचुअल फंड कंपनी में भेदिया कारोबार से संबंधित मामले में कई इकाइयों के खिलाफ ‘तलाशी और जब्ती’ अभियान चलाया जा रहा है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘एक्सिस एएमसी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए फरवरी, 2022 में ही मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी थी। जांच में बाहरी सलाहकारों की मदद भी ली गई। जांच के तहत अतिरिक्त कदम भी उठाए गए हैं।’’
ऐसी खबरें आई थीं कि सेबी एक्सिस म्चूयुअल फंड के कार्यालयों, शेयर ब्रोकरों और अन्य लोगों समेत विभिन्न संस्थानों में तलाशी एवं जब्ती अभियान चला रहा है। ऐसा एक्सिस एएमसी के दो पूर्व कोष प्रबंधकों द्वारा की गई गड़बड़ी की जांच के सिलसिले में किया जा रहा है।
बयान में कहा गया, ‘‘एक्सिस एएमसी नियामकीय अधिकारियों के साथ सहयोग जारी रखेगी।’’
इससे पहले एक्सिस एएमसी ने मुख्य कारोबारी एवं कोष प्रबंधक वीरेश जोशी को गोपनीय सूचना सार्वजनिक होने से पहले उसका लाभ उठाने के आरोपों (फ्रंट-रनिंग) के बाद 18 मई को बर्खास्त कर दिया था। 20 मई को एक अन्य कोष प्रबंधक दीपक अग्रवाल को भी बर्खास्त कर दिया गया था।
हालांकि, कंपनी ने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी कि किस प्रकार के उल्लंघनों की वजह से दोनों कोष प्रबंधकों को बर्खास्त किया गया है।
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