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एयरटेल की वैधानिक देनदारियों का इक्विटी में रूपांतरण स्वत: नहीं, इसकी जांच की जरूरत: अधिकारी

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) भारती एयरटेल के करीब 41,000 करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये को स्वचालित रूप से इक्विटी में नहीं बदला जाएगा क्योंकि इस तरह के रूपांतरण के लिए दूरसंचार कंपनी के आवेदन को दूरसंचार विभाग (डीओटी) में जांच के दौर से गुजरना होगा। एक आधिकारिक सूत्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

भारती एयरटेल ने सरकार द्वारा कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) को दी गई राहत के अनुरूप ब्याज देनदारी सहित करीब 41,000 करोड़ रुपये के एजीआर बकाये को इक्विटी में बदलने की मांग की है।

सूत्र ने कहा, “आवेदन का मतलब यह नहीं है कि इसे स्वचालित रूप से संसाधित किया जाएगा। किसी भी अंतिम निर्णय से पहले इसका मूल्यांकन और जांच की जानी चाहिए।”

इस संबंध में पूछने के लिए भारती एयरटेल को ई-मेल भेजा गया लेकिन फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला।

सरकार ने वोडाफोन आइडिया को राहत देते हुए उसके 53,000 करोड़ रुपये के बकाये को इक्विटी स्वामित्व में बदल दिया है।

सरकार ने हाल ही में 36,950 करोड़ रुपये के बकाये को परिवर्तित करके वीआई में अपनी हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 48.99 प्रतिशत कर दी है।

इससे पहले, सरकार ने फरवरी, 2023 में वीआईएल के लगभग 16,130 करोड़ रुपये के कर्ज को इक्विटी में बदल दिया था।

जहां 2021 की दूरसंचार सुधार नीति स्पेक्ट्रम और एजीआर बकाया से संबंधित ब्याज देयता को इक्विटी में बदलने की अनुमति देती है, वहीं सरकार ने अब दूरसंचार कंपनियों को 2021 से पहले हुई स्पेक्ट्रम नीलामी और एजीआर बकाया की मूल राशि के रूपांतरण की अनुमति दी है।

भारती एयरटेल ने 2021 की नीलामी से पहले खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए अपना सारा बकाया चुका दिया है।

कंपनी ने 2021, 2022 और 2024 में हुई नीलामी में 68,598 करोड़ रुपये मूल्य का स्पेक्ट्रम खरीदा है और बकाया राशि इक्विटी में बदली जा सकती है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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