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Monday, 18 August, 2025
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रसायन क्षेत्र के लिये पीएलआई योजना लाने पर हो रहा विचार: मांडविया

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नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालय रसायन क्षेत्र के लिये उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लाने पर विचार कर रहा है। इसका मकसद रसायन के घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देना है।

‘उद्योग जुड़ाव 2022: उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्रों के बीच तालमेल’ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर विभिन्न क्षेत्रों के लिये पीएलआई योजना शुरू की है। इस कार्यक्रम का आयोजन रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) और उद्योग मंडल फिक्की के साथ मिलकर किया।

स्वास्थ्य मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे मांडविया ने कहा, ‘‘हम इस बारे में विचार कर रहे हैं कि रसायन क्षेत्र के लिये किस तरह पीएलआई योजना लायी जाए। हमने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।’’

कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है लेकिन अंतिम निर्णय सरकार करेगी। मांडविया ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिये सभी प्रमुख रसायनों का विनिर्माण देश में हो।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल 2021-22 से पांच साल के दौरान 1.97 लाख करोड़ रुपये के व्यय की प्रतिबद्धता के साथ 13 क्षेत्रों के लिये पीएलआई योजना शुरू की।

मंत्री ने इस उभरते क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर सरकारी विभागों, सिपेट, उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्रों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मांडविया ने घरेलू मांग को पूरा करने के साथ-साथ निर्यात के लिये देश को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि देश में ‘लॉजिस्टिक’ लागत अधिक है, जिससे निर्यात प्रतिस्पर्धी नहीं रह पाता।

मंत्री ने कहा कि इसको देखते हुए सरकार सड़क, रेलवे और जलमार्ग से जुड़े बुनियादी ढांचा के निर्माण को लेकर काफी निवेश कर रही है।

इस मौके पर रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये सरकार की तरफ से उठाये गये कदमों का जिक्र किया।

भाषा

रमण प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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