नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की प्रमुख रवनीत कौर ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रतिस्पर्धा कानून के ढांचे में निरंतरता से जुड़े पहलुओं को शामिल करने के तरीकों पर विचार किया जा रहा है।
निगरानी संस्था बाजार में अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं पर नजर रखती है और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए भी काम करती है।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा सम्मेलन में हिस्सा लेने आईं कौर ने कहा कि कुछ देशों ने प्रतिस्पर्धा कानून ढांचे में निरंतरता आयामों को शामिल करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि जापान ने कुछ विशिष्ट हरित दिशानिर्देश जारी किए हैं। हम इस बात पर गौर कर रहे हैं कि हम इसे अपने प्रतिस्पर्धा कानून ढांचे में किस तरह शामिल कर सकते हैं।’’
कौर ने कहा कि तेजी से बढ़ते बाजारों और प्रौद्योगिकी प्रगति ने प्रतिस्पर्धा कानून व नीति में नए आयाम जोड़ने के साथ प्रतिस्पर्धा नियामकों के समक्ष नई चुनौतियां पेश की हैं।
इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के चेयरमैन अशोक भूषण ने कहा कि जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए स्थिरता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच प्रभावी तालमेल होना जरूरी है।
प्रतिस्पर्धा कानून में टिकाऊपन एवं निरंतरता को शामिल करने से स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के नवाचार और विकास के प्रोत्साहन में मदद मिल सकती है।
भाषा निहारिका प्रेम
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