नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने और अवैध कर्ज देने वाले ऐप पर रोक लगाने के लिए डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (डीआईजीआईटीए) के गठन पर विचार कर रहा है।
गौरतलब है कि देश में अवैध ऋण देने वाले ऐप तेजी से बढ़ रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित एजेंसी डिजिटल ऋण देने वाले ऐप का सत्यापन करेगी और सत्यापित ऐप का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी।
सूत्रों ने कहा कि जिन ऐप पर डीआईजीआईटीए के सत्यापन का निशान नहीं होगा, उन्हें अनधिकृत माना जाना चाहिए। इससे डिजिटल क्षेत्र में वित्तीय अपराधों के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि डीआईजीआईटीए को डिजिटल ऋण देने वाले ऐप की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार इस सत्यापन प्रक्रिया से डिजिटल ऋण क्षेत्र के भीतर अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही पैदा करने में मदद करेगी।
इस बीच रिजर्व बैंक ने आईटी मंत्रालय के साथ 442 डिजिटल ऋण देने वाले ऐप की एक सूची साझा की है, ताकि उन्हें गूगल पर प्रतिबंधित किया जा सके।
गूगल ने सितंबर 2022 से अगस्त 2023 तक अपने ऐप स्टोर से 2,200 से अधिक डिजिटल तरीके से कर्ज देने वाले ऐप को हटाया है।
भाषा पाण्डेय रमण
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