नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उसने पिछली तारीख से कराधान निरस्तीकरण कानून के तहत सभी नियमों का अनुपालन पूरा कर लिया है और अब वह 7,900 करोड़ रुपये के कर रिफंड की पात्र हो गई है।
केयर्न एनर्जी, जिसे अब कैप्रिकॉर्न एनर्जी पीएलसी के रूप में जाना जाता है, ने पिछली तारीख से कराधान को लेकर सात साल पुराने विवाद में सरकार के साथ समझौता करते हुए इस संबंध में दायर सभी मुकदमों को वापस ले लिया था। भारतीय समाचार पत्रों में बुधवार को जारी एक विज्ञापन में यह जानकारी दी गई।
सरकार ने पहले तो दिसंबर, 2020 में आए मध्यस्थता आदेश को मानने से इनकार कर दिया था, लेकिन अगस्त, 2021 में पेरिस में आवासीय परिसंपत्तियों और अमेरिका में एयर इंडिया की परिसंपत्तियों को जब्त किए जाने की आशंका के बाद सभी पिछली तारीख से कराधान की मांगों को रद्द करने तथा इस मद में लिए गए धन को वापस करने को एक कानून लाया गया।
केयर्न ने एक परिचालन और व्यापारिक सूचना में कहा, ‘‘कंपनी ने भारत सरकार द्वारा लगभग 7,900 करोड़ रुपये की कर वापसी के लिए भारत कराधान (संशोधन) अधिनियम 2021 के नियमों के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।’’
कंपनी ने आगे कहा कि उसे 2022 की शुरुआत में भुगतान किए जाने की उम्मीद है।
भाषा पाण्डेय पाण्डेय अजय
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