नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई ने सोमवार को केनरा बैंक के खिलाफ एक शिकायत खारिज कर दी जिसमें कई ऋण के लेनदेन में दबदबे की स्थिति के दुरुपयोग और प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण का आरोप लगाया गया था।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अपने आदेश में कहा कि मौजूदा मामले में प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा तीन और चार के उल्लंघन का कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है।
इस अधिनियम की धारा तीन और चार क्रमशः प्रतिस्पर्धा-रोधी समझौतों और प्रभुत्व के दुरुपयोग से संबंधित हैं।
प्रतिस्पर्धा आयोग से तमिलनाडु स्थित केएसडी जोन एनर्जी एलएलपी ने शिकायत की थी कि सार्वजनिक क्षेत्र का केनरा बैंक मनमानी ब्याज दरें और पिछली तारीख से शुल्क लगाने में लिप्त है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने सरफेसी अधिनियम के तहत नीलामी के लिए संपत्तियों का जानबूझकर मूल्यांकन कम करने के लिए संपत्ति मूल्यांककों के साथ मिलीभगत की।
प्रतिस्पर्धा आयोग ने केनरा बैंक पर बाजार में अपनी दबदबे की स्थिति का लाभ उठाने का आरोप नकार दिया। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में केनरा बैंक की 5.73 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है।
आयोग ने कहा कि बैंक के पास प्रभुत्व नहीं होने से इसके दुरुपयोग का मामला ही नहीं बनता है। इसके अलावा आयोग को मूल्यांकक और बैंक के बीच मिलीभगत का कोई सबूत भी नहीं मिला।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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