नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) रोजमर्रा के उपभोग का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) की मांग जून तिमाही में नरम रही है। एफएमसीजी क्षेत्र की कुछ प्रमुख कंपनियों मसलन डाबर, मैरिको और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लि. का कहना है कि आसमान छूती महंगाई के बीच उपभोक्ताओं ने अपनी खपत को कम किया है। इसकी वजह यह है कि उपभोक्ताओं के पास उपभोक्ता सामान के लिए खर्च करने वाली राशि कम हुई है।
घरेलू एफएमसीजी उद्योग महंगाई से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन कंपनियों के सकल मार्जिन पर लगातार मूल्यवृद्धि का असर देखने को मिला है। इसके अलावा कच्चे माल की लागत बढ़ने से भी कंपनियां प्रभावित हुई हैं। एक और तथ्य यह सामने आया है कि अप्रैल-जून की तिमाही में ग्रामीण बाजारों की वृद्धि शहरी बाजार की तुलना में सुस्त रही है।
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लि. (जीसीपीएल) और मैरिको का मानना है कि क्षेत्र की मांग कमजोर रहने की वजह से जून तिमाही में उनकी बिक्री पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब पांच प्रतिशत कम रहेगी।
जीसीपीएल ने कहा कि तिमाही के दौरान भारतीय एफएमसीजी उद्योग में सुस्ती रही। भूराजनीतिक तनाव की वजह से मुद्रास्फीति बढ़ने से एफएमसीजी उद्योग को झटका लगा है।
वहीं मैरिको ने कहा कि मौजूदा रुझानों से पता चलता है कि उपभोक्ताओं ने गैर-जरूरी श्रेणी में अपने उपभोग को घटाया है। इसके अलावा उन्होंने सस्ते ब्रांड की खरीद शुरू की है या वे छोटे पैकेट खरीद रहे हैं।
हालांकि, एक अन्य एफएमसीजी कंपनी डाबर ने कहा है कि चुनौतीपूर्ण वृहद माहौल में भी उसके भारतीय कारोबार ने जुझारू क्षमता का परिचय दिया है। पहली तिमाही में उसकी राजस्व वृद्धि एक अंक में ऊंचे स्तर पर रहेगी।
हालांकि, एफएमसीजी कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय कारोबार ने अच्छी वृद्धि दर्ज की है। पहली तिमाही में सालाना आधार पर उनका अंतरराष्ट्रीय कारोबार कहीं अधिक रहा है।
भाषा अजय अजय रमण
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