नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा अधिनियम, 1938 में प्रस्तावित संशोधनों की जांच करने और इसे लागू करने की रूपरेखा सुझाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व चेयरमैन दिनेश खारा की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति गठित की है।
सरकार ने बीमा कानून में संशोधन कर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 100 प्रतिशत करने और अन्य बदलावों का प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, खारा की अध्यक्षता वाली समिति ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी पहली बैठक की।
सात सदस्यीय समिति के अन्य सदस्य- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ एन एस कन्नन, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के पूर्व सीएमडी गिरीश राधाकृष्णन, इरडा के पूर्व सदस्य राकेश जोशी, आरबीआई के पूर्व कार्यकारी निदेशक सौरभ सिन्हा, एमएफआईएन के प्रबंध निदेशक और सीईओ आलोक मिश्रा और कानून विशेषज्ञ एल विश्वनाथन हैं।
सूत्रों ने कहा कि समिति इस बात पर विचार करेगी कि नये कानून के प्रावधानों को विनियमों और परिपत्रों के जरिये कैसे लागू किया जा सकता है।
एफडीआई सीमा बढ़ाने के लिए सरकार को बीमा अधिनियम 1938, जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन करना होगा।
बीमा अधिनियम 1938 भारत में बीमा के लिए विधायी रूपरेखा देने वाला प्रमुख कानून है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.