नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने आम बजट में घोषित निर्यात संवर्धन मिशन के तहत तैयार की जा रही विभिन्न योजनाओं पर निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) से विचार मांगे हैं।
उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि परिषदों को बृहस्पतिवार तक विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) को अपनी टिप्पणियां देनी होंगी।
सरकार एमएसएमई निर्यातकों के लिए आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराने, वैकल्पिक वित्तपोषण साधनों को बढ़ावा देने और अन्य देशों के गैर-शुल्क उपायों से निपटने के लिए मौद्रिक सहायता देने की योजनाएं बना रही है।
वाणिज्य मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय और वित्त मंत्रालय इन योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इस संबंध में आयोजित एक बैठक में डीजीएफटी अजय भादू ने परिषदों के प्रतिनिधियों के समक्ष मिशन पर एक प्रस्तुति दी।
कुछ निर्यातकों ने मंत्रालय को सुझाव दिया है कि एमएआई (बाजार पहुंच पहल) के तहत कोष केवल निर्यात संवर्धन परिषदों को दिया जाना चाहिए, न कि निजी संघों को। बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने की।
सरकार ने एक फरवरी को देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 2,250 करोड़ रुपये के व्यय के साथ एक निर्यात संवर्धन मिशन की स्थापना की घोषणा की थी।
भाषा पाण्डेय रमण
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