नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शनिवार को कहा कि गैर-ऊर्जा क्षेत्र को वह अभी प्रतिदिन करीब 3.4 लाख टन कोयले की आपूर्ति कर रहा है जो इस क्षेत्र को कंपनी की ओर से की जाने वाली औसत आपूर्ति है। सीआईएल ने कहा कि क्षेत्र को आपूर्ति बढ़ाने के लिए उसके पास कोयले का पर्याप्त बफर भंडार है।
इस्पात और एल्युमिनियम समेत विभिन्न क्षेत्रों में निजी उपयोग वाले बिजली संयंत्रों में ईंधन की कमी की खबरों के बीच सीआईएल का यह बयान महत्वपूर्ण है।
गैर-ऊर्जा क्षेत्र (एनपीएस) एक वित्त वर्ष के दौरान घरेलू कोयले के साथ मिश्रण के लिए करीब 17 करोड़ टन कोयले का आयात करता है। लेकिन चालू वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमतों में आई तेजी से आवश्यक मात्रा में कोयले का आयात करना मुश्किल हुआ जिससे कोयले की कमी की समस्या का सामना करना पड़ा।
महारत्न उपक्रम सीआईएल ने एक बयान में कहा, ‘‘कोल इंडिया ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी के बीच एनपीएस को 10.17 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की जो 2019-2020 में महामारी से पहले के समय के 9.4 करोड़ टन से 8.2 फीसदी अधिक है।’’
इस अवधि में, ऊर्जा क्षेत्र में आपूर्ति की तुलना में गैर-ऊर्जा क्षेत्र के ग्राहकों को आपूर्ति में वृद्धि कहीं अधिक दर से हुई।
कंपनी ने कहा, ‘‘गैर-ऊर्जा क्षेत्र को आपूर्ति बढ़ाने के लिए सीआईएल के पास पर्याप्त बफर भंडार है। कोयले की उपलब्धता को लेकर कोई समस्या नहीं है।’’
भाषा
मानसी पाण्डेय
पाण्डेय
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