नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) देश का कोयला आयात वित्त वर्ष 2024-25 में 7.9 प्रतिशत घटकर 24.36 करोड़ टन रह गया, जिससे लगभग 7.93 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत हुई।
कोयला मंत्रालय ने मंगलवार को बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश का कोयला आयात 26.45 करोड़ टन रहा था।
पिछले वित्त वर्ष में कोयला आयात में कमी आने से लगभग 7.93 अरब डॉलर (60,681.67 करोड़ रुपये) की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।
हालांकि, कोयला-आधारित बिजली उत्पादन 2024-25 के दौरान 3.04 प्रतिशत बढ़ गया लेकिन ताप-विद्युत बिजली संयंत्र द्वारा मिश्रण के लिए कोयला आयात में 41.4 प्रतिशत की बड़ी कमी दर्ज की गई।
बयान के मुताबिक, यह आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने और कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए जारी भारत के प्रयासों को दर्शाता है।
केंद्र सरकार ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने और कोयला आयात कम करने के लिए वाणिज्यिक कोयला खनन और मिशन कोकिंग कोल सहित कई पहल को लागू किया है। इन प्रयासों से 2023-24 के मुकाबले 2024-25 के दौरान कोयला उत्पादन में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बिजली क्षेत्र से इतर गैर-विनियमित क्षेत्र में अधिक महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जिसमें आयात में सालाना आधार पर 8.95 प्रतिशत की गिरावट आई।
भारत का कोयला क्षेत्र अपनी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को सहारा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोयला बिजली, इस्पात, सीमेंट आदि जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत के रूप में काम करता है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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