नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) बीते वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-फरवरी अवधि में भारत का कोयला आयात 9.2 प्रतिशत घटकर 22.03 करोड़ टन रह गया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 53,137.82 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई। मंगलवार को एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है।
देश ने एक साल पहले की इसी समान अवधि में 24.26 करोड़ टन कोयले का आयात किया था।
बिजली क्षेत्र को छोड़कर गैर-विनियमित क्षेत्र में अधिक महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जिसमें आयात में सालाना आधार पर 15.3 प्रतिशत की गिरावट आई।
कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘हालांकि, कोयला आधारित बिजली उत्पादन में अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 तक पिछले वर्ष की तुलना में 2.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन ताप विद्युत संयंत्र द्वारा मिश्रण के लिए आयात में 38.8 प्रतिशत की तीव्र कमी आई है।’’
यह आयातित कोयले पर अपनी निर्भरता को कम करने और कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए देश के चल रहे प्रयासों को दर्शाता करता है।
केंद्र ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने और आयात को कम करने के लिए वाणिज्यिक कोयला खनन सहित कई पहलकदमियों को लागू किया है।
इन प्रयासों से वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि की तुलना में 2024-25 की अप्रैल-फरवरी अवधि के दौरान कोयला उत्पादन में 5.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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