scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमदेशअर्थजगतCMIE का अनुमान- जून में रोजगार दर घटी, लेकिन जुलाई में बढ़ रही है

CMIE का अनुमान- जून में रोजगार दर घटी, लेकिन जुलाई में बढ़ रही है

12 जुलाई को बेरोजगारी दर 7.33 प्रतिशत, 13 जुलाई को 7.46 प्रतिशत और 14 जुलाई को 7.29 प्रतिशत आंकी गई. इससे पहले जून 2022 में अखिल भारतीय स्तर पर बेरोजगारी दर 7.80 प्रतिशत थी.

Text Size:

कोलकाता: आर्थिक थिंक-टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने जून 2022 में रोजगार दर में भारी गिरावट के बाद चालू महीने में इसमें सुधार का अनुमान जताया है.

सीएमआईई के मुताबिक 12 जुलाई के बाद पिछले तीन दिनों में बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट का रुख देखा जा रहा है. गत 12 जुलाई को बेरोजगारी दर 7.33 प्रतिशत, 13 जुलाई को 7.46 प्रतिशत और 14 जुलाई को 7.29 प्रतिशत आंकी गई.

इससे पहले जून 2022 में अखिल भारतीय स्तर पर बेरोजगारी दर 7.80 प्रतिशत थी. बेरोजगारी का यह आंकड़ा शहरी क्षेत्र में 7.30 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 8.03 प्रतिशत रहा.

इस आंकड़े पर प्रतिक्रिया देते हुए अर्थशास्त्री अभिरूप सरकार ने कहा कि यह मौसमी बदलाव या एजेंसी द्वारा नमूना संग्रह में त्रुटियों का नतीजा भी हो सकता है.

सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार मई के महीने में अखिल भारतीय बेरोजगारी दर 7.12 प्रतिशत रही थी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

सीएमआईई ने कहा कि भारत के जून 2022 के श्रम आंकड़े बेहद निराशाजनक रहे हैं. रोजगार मई 2022 में 40.4 करोड़ से घटकर जून 2022 में 39.0 करोड़ रह गया था. एजेंसी ने कहा कि इससे पता चलता है कि जून में श्रम बाजार सिकुड़ गया था.

एजेंसी ने कहा कि श्रम भागीदारी दर जून में अपने निम्नतम स्तर 38.8 प्रतिशत पर पहुंच गई जो उससे पहले के दो महीनों में 40 प्रतिशत पर रही थी.

सीएमआईई के मुताबिक, जून 2022 में वेतनभोगी नौकरियों की संख्या में करीब 25 लाख की गिरावट दर्ज की गई. इस तरह वेतनभोगी तबके के लिए हालात प्रतिकूल होते हुए नजर आ रहे हैं. उसके लिए राहत तभी हो सकती है जब अर्थव्यवस्था अधिक तेज गति से बढ़े ताकि ज्यादा रोजगार अवसर पैदा हो सकें.

अगर राज्यवार बेरोजगारी आंकड़ों पर गौर करें तो हरियाणा 30.6 प्रतिशत बेरोजगारी के साथ सबसे आगे रहा जबकि पश्चिम बंगाल 5.2 प्रतिशत के साथ सबसे कम बेरोजगारी वाला राज्य रहा.


यह भी पढ़ें: एक ही दिन कई परीक्षाएं, ‘कठिन’ मॉक टेस्ट- CUET की शुरुआत से कई छात्र चिंता में हैं


 

share & View comments