नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) सिटीकॉर्प इन्वेस्टमेंट बैंक (सिंगापुर) लि. ने बृहस्पतिवार को 36 लाख रुपये का भुगतान कर सेबी के साथ एफपीआई नियमों के उल्लंघन से जुड़े मामले का निपटान किया। यह मामला सिमेट्री मास्टर फंड लि. को ऑफशोर डेरिवेटिव उत्पाद जारी करने से जुड़ा था।
सिटीकॉर्प ने सेबी के पास खुद से निपटान आवेदन दायर किया था। आवेदन में एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) नियमों के कथित उल्लंघन का निपटान करने का प्रस्ताव दिया गया। निपटान नियमों के तहत मामले में तथ्यों और निष्कर्षों को स्वीकार या अस्वीकार किये बिना इसके निपटान का प्रस्ताव दिया गया था।
बाजार नियामक सेबी ने आवेदन को स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को अपने आदेश में कहा, ‘‘उल्लंघन को लेकर शुरू की गयी कार्यवाही … आवेदक के संबंध में निपटाई जाती है।’’
यह आरोप लगाया गया था कि आवेदक ने एफपीआई नियमों के तहत आवश्यक अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदंडों का पालन किए बिना 19 दिसंबर, 2023 को सिमेट्री मास्टर फंड लि. को एक ऑफशोर डेरिवेटिव उत्पाद (ओडीआई) जारी किया।
आवेदक ने कहा कि ऑफशोर डेरिवेटिव उत्पाद ग्राहक –एसएमएफएल– के संबंध में केवाईसी जांच 10 जनवरी, 2024 को पूरी हो गई थी।
ऑफशोर डेरिवेटिव उत्पाद के ग्राहक से एकत्र किए गए नियामक शुल्क को जमा करने में भी आवेदक की ओर से कथित तौर पर देरी हुई थी।
एसएमएफएल को 19 दिसंबर, 2023 को जारी किए गए ओडीआई के अनुरूप 800 अमेरिकी डॉलर का नियामक शुल्क आवेदक द्वारा तुरंत सेबी के पास जमा किया जाना चाहिए था। इसके बजाय, इसे 69 दिन की देरी से 26 फरवरी, 2024 को सेबी के पास जमा किया गया।
एक अन्य मामले में बीसीएल इंडस्ट्रीज और इसके प्रवर्तक और प्रबंध निदेशक राजिंदर मित्तल ने निपटान राशि का भुगतान का नियामक मानदंडों के उल्लंघन का मामला सेबी के साथ सुलझा लिया।
बीसीएल इंडस्ट्रीज और मित्तल ने क्रमशः 14.30 लाख रुपये और 28.6 लाख रुपये का भुगतान कर मामले का निपटान किया।
भाषा रमण अजय
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